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मंगलवार, 28 नवंबर 2023

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना: अभी तक बच्चों के घर से स्कूल की दूरी का ही सत्यापन नहीं,बच्चों का नामांकन बढ़ाने की कवायद अधर में

 

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना: अभी तक बच्चों के घर से स्कूल की दूरी का ही सत्यापन नहीं,बच्चों का नामांकन बढ़ाने की कवायद अधर में


गांव-ढाणी से आने वाले बच्चों को दूरी के हिसाब से मिलेगा ट्रांसपोर्ट वाउचर

सीकर. इसे अधिकारियों की लापरवाही कहें या लालफीताशाही कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने की कवायद अधूरी है। इसका कारण है कि ं ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना को मूर्त रूपन नहीं दिया जा रहा है। इससे प्रदेश के तीस हजार से ज्यादा छात्र- छात्राएं योजना के लाभ से वंचित हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से अब प्रदेशभर के 65 हजार स्कूलों में गांव-ढाणियों से आने वाले बच्चों की स्कूल से दूरी का सत्यापन करवाकर उसे शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करवाया जा रहा है।


 सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का निवास उनके विद्यालय से कितनी दूरी पर है और उन्हें कितना ट्रांसपोर्ट वाउचर दिया जा सकता है, ताकि विद्यार्थियों को सही दूरी के हिसाब से उचित ट्रांसपोर्ट वाउचर दिया जा सके। इसका प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी सरकारी स्कूलों से जुड़ें और इसका फायदा नामांकन बढ़ाने में भी मिल सकेगा। इस बार 12वीं के बच्चों को ट्रांसपोर्ट वाउचर नहीं दिया जा रहा है। सीकर जिले के करीब 30 हजार बच्चों को पांच माह बाद भी योजना की राशि नहीं मिल पाई है।


तीन से चार माह तक नहीं आता पैसा

प्रदेशभर के स्कूलों में समय पर बच्चे की डिटेल, घर से स्कूल की दूरी और कई बार बजट आने में देरी के चलते स्टूडेंट्स के खाते में समय पर ट्रांसपोर्ट वाउचर का पैसा तीन-तीन माह तक नहीं आ पाता है। ऐसे में स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीकर जिले में तो अधिकांश स्कूलों ने बसें, छोटी गाड़ियां, जीप आदि वाहन बच्चों को घर से लाने के लिए लगाए हुए हैं। वहीं बहुत सी स्कूलों में भामाशाहों ने स्कूल वाहन लगाए हुए हैं, इन वाहनों में डीजल व ड्राइवर-कंडक्टर का खर्चा भी स्कूल प्रबंधन व भामाशाहों व अभिभावकों की ओर से उठाया जाता है।


10वीं तक के स्टूडेंट्स से मांगी डिटेल

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना से नियमानुसार लाभान्वित होने वाले कक्षा एक से 10 तक के विद्यार्थियों की सभी सूचनाओं को शाला दर्पण पोर्टल पर 10 दिसंबर तक आवश्यक रूप से अपडेट करना होगा। संस्था प्रधान के माध्यम से शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि का कार्य होगा। साथ ही विद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थियों की सूचनाओं में दूरी को भी इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सही प्रविष्टि करवाने को कहा गया है। अगर किसी पात्र एवं चयनित विद्यार्थी की सूचना शाला दर्पण पोर्टल पर गलत भरी गई, तो इसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रधान की होगी।


कूलों में समय पर बच्चे की डिटेल, घर से स्कूल की दूरी और कई बार बजट आने में देरी के चलते स्टूडेंट्स के खाते में समय पर ट्रांसपोर्ट वाउचर का पैसा तीन-तीन माह तक नहीं आ पाता है।-शीशराम कुलहरि, जिला शिक्षा अधिकारी, सीकर


अपडेट करने के निर्देश

विभाग के अधिकारियों की ओर से 10 दिसंबर तक आवश्यक रूप से शाला दर्पण पर स्कूल से बच्चों के निवास स्थान तक की दूरी अपडेट किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि विद्यार्थियों को समय रहते ट्रांसपोर्ट वाउचर दिया जा सके। इस संबंध में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने समग्र शिक्षा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक को आदेश जारी किए हैं। हालांकि जिन छात्राओं को साइकिल व स्कूटी दी गई है उन्हें ट्रांसपोर्ट वाउचर नहीं दिया जाएगा। उक्त छात्राओं की नाम व संख्या पहले से रजिस्टर्ड है।



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