शिक्षिका के नवाचार से नौनिहालों में हुआ स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच का संचरण
कुचामनसिटी. ‘जहां चाह वहां राह’। यह बात लागू होती है निकटवर्ती ग्राम मेहरों की ढाणी में स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका बबीता वर्मा पर। शहर सहित ग्रामीण अंचल के कई सरकारी विद्यालय हैं जिनमें शिक्षक अपने नवाचारों को लेकर विद्यार्थियों में पंसदीदा बनकर रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में सरकारी विद्यालयों ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सरकारी विद्यालयों के पुराने ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया है। कुछ इसी तरह के नवाचार शिक्षिका बबीता वर्मा ने किए हैं। विज्ञान-गणित की शिक्षिका बबीता ने स्वयं के खर्चे से वर्किंग व नॉन वर्किंग मॉडल व चार्टस बनाए हैं जो विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच व तार्किक दृष्टिकोण विकसित करने में बहुत कारगर साबित हो रहे हैं।
शिक्षिका ने एक कक्षा-कक्ष को अपने जिम्मे लेकर उसकी चारों दीवारों को विविध आयाम देने का प्रयास किया है। इस सृजनात्मकता में आर्थिक सहयोग व प्रेरणा गीता देवी पारीक पत्नी बजरंगलाल पारीक व राउमावि भरनाई के प्रधानाचार्य दिलीप कुमार पारीक ने दिया है। गीता देवी पारीक ने शिक्षिका की एक पेंटिंग से प्रभावित होकर उन्हें विद्यालय के कमरों को बच्चों की रुचि के अनुसार रंगने की प्रेरणा दी। यही नहीं इन्होंने अपने एवं पिता शिवलाल वर्मा की स्मृति में विद्यालय में पांच ग्रीन बोर्ड भी लगवाए हैं। शिक्षिका का मानना है कि सरकारी विद्यालयों में भौतिक सुविधाओं का अभाव रहता है, लेकिन मन में कुछ करने का जज्बा हो तो हर कार्य को संभव किया जा सकता है। उन्होंने वरिष्ठ शिक्षक कमल कुमार जांगिड़ के सहयोग व मार्गदर्शन मेें यह नवाचार किया है।
चित्रकारी से किया स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक : विद्यार्थियों एवं आसपास के स्थानीय लोगों को चित्रकारों के माध्यम से स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है।शिक्षिका वर्मा का मानना है कि स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति भी जागरुकता बहुत आवश्यक है। इसके लिए स्वयं ने पहल करते हुए व्यक्तिगत विद्यार्थी स्वच्छता का मूल्य समझाया। उनके अनुसार पुस्तकीय ज्ञान से इतर सामान्य सी दिखने वाली गतिविधियों का प्रयोग बालकों को सीखने में बहुत मदद करता है। सृजनात्मक दीवार के रंग विद्यार्थियों की विभिन्न योग्यताओं के द्योतक है जो विद्यार्थियों को शिक्षा का महत्व बताते हुए उन्हें आसमान की ऊंचाइयां छूने की प्रेरणा देते हैं।
इनका कहना है
शिक्षिका की ओर से विद्यालय में शिक्षण कौशल एवं विद्यार्थी हित में किए गए शिक्षण नवाचार एवं अधिगम की सहज प्रक्रिया से विद्यार्थी व स्थानीय लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस नवाचार से विद्यार्थियों के व्यवहार, रहन-सहन व स्वच्छता में काफी बदलाव आ रहा है।-जयराम चौधरी, प्रधानाचार्य, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, मेहरों की ढाणी
विद्यालय में विभिन्न नवाचार कर शिक्षण व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। शिक्षिका वर्मा के नवाचार ने बालकों के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं अभिभावकों में शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच का संचरण किया है।-कमल कुमार जांगिड़, शिक्षक, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, मेहरों की ढाणी
विभिन्न रंगों की अपनी-अपनी विशेषता होती है। ठीक वैसे ही सभी विद्यार्थी एक जैसी योग्यता और रूचि नहीं रखते। उन्हें उनकी योग्यता अनुसार बढ़ने और सीखने का अवसर दिया जाना चाहिए। विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास को लेकर आगे भी हमेशा प्रयास किया जाएगा।-बबीता वर्मा, शिक्षिका, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, मेहरों की ढाणी
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