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बुधवार, 8 नवंबर 2023

रोबोटिक कल्चर से रूबरू होंगे महात्मा गांधी स्कूल के विद्यार्थी लैब के लिए आए उपकरण राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने किया नवाचार

 


रोबोटिक कल्चर से रूबरू होंगे महात्मा गांधी स्कूल के विद्यार्थी लैब के लिए आए उपकरण  राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने किया नवाचार

झालावाड़. बच्चों की सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने के लिए महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी) माध्यम में रोबोटिक्स लैब की शुरुआत की जाएगी। इससे विद्यार्थी रोबोटिक कल्चर से रूबरू होंगे। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से यह लैब जिले के राजकीय महात्मा गांधी स्कूल रटलाई में खोली जाएगी। सूत्रों के अनुसार इसके लिए स्कूल में तैनात विज्ञान-गणित और कम्प्यूटर के शिक्षक को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लैब में विद्यार्थियों को आधुनिक उपकरण से रोबोट के साथ अन्य आधुनिक उपकरण बनाना सिखाए जाएंगे। मोबाइल से कनेक्ट करके उपकरण का संचालन और पार्ट्स जोडऩेे खोलने की तकनीक भी सिखाई जाएगी।


नई तकनीक सीखेंगे

बच्चे इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, आईटी संबंधी उपकरण एवं सेंसर के उपयोग के बारे में नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी। डाटा विजुलाइजेशन, समस्या-समाधान भी सिखाया जाएगा। इन लैब को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित को-ऑर्डिनेटर लगाए गए हैं, जो स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सप्ताह में एक बार इनकी समस्याओं का वर्चुअल समाधान भी करेंगे। हर कक्षा के विद्यार्थी को सप्ताह में कम से कम एक घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार के मशीन टूल्स मोबाइल एप्स के माध्यम से संचालित किए जाएंगे।


इतने उपकरण

महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रटलाई में खोली जा रही लैब में करीब 99 उपकरण है। इन उपकरणों की कीमत करीब 6 लाख रुपए है। इन उपकरणों की सहायता से बच्चे नए मॉडल बना सकेंगे साथ ही रोबोटिक लैब के माध्यम से विद्यार्थी कई नवाचार भी कर सकेंगे। ड्रोन व अन्य उपकरण बनाकर फोन से कनेक्ट कर उनका संचालन करना भी सीखेंगे, इसके लिए विज्ञान-गणित के दो शिक्षकों का उन्हे पूरा सहयोग मिलेगा। इन शिक्षकों को पूर्व में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।


अभी ये समस्या

नए बनाए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में कक्षा कक्षों की कमी है। ऐसे में यहां लैब के लिए अलग से पूरा एक कक्ष होना चाहिए ताकि यहां व्यवस्थित लैब बनाई जा सके। अभी शिक्षा परिषद से करीब 6 लाख रुपए के उपकरण भेजे गए है, लेकिन उन्हे रखने व लगाने की जगह कम होने से परेशानी खड़ी हो गई है। स्कूल में अभी 9 कक्षाएं संचालित हो रही है। ऐसे में अलग से लैब बनाई जानी चाहिए।


विद्यालय में रोबोटिक्स लैब के लिए 99 विभिन्न उपकरण आए है। जिनको खोलना, फिट करने के साथ इसको चलाने सहित अन्य तकनीक के बारे में विद्यार्थियों को सीखाया जाएगा। इसके लिए एक एप है उससे बच्चे रोबोट या जेसीबी आदि बनाकर स्वयं चला सकेंगे। ये बच्चों के लिए नवाचार है, इससे बच्चे नए-नए मॉडल बनाएंगे। ये कक्षा 3 से 9वीं तक के बच्चों के लिए है। हर क्लास को अलग-अलग दिन देकर सिखाया जाएगा।-बद्रेश दांगी, प्रिन्सीपल, राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय, रटलाई


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