बदलाव : मतदाता शिक्षा और चुनावी साक्षरता को स्कूलों और कॉलेजों में शामिल करेगा एनसीईआरटी
प्रदेश में चुनावी समर चल रहा है। इस बीच मतदान बढ़ाने से लेकर आमजन को जागरूक करने के प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में निर्वाचन विभाग व शिक्षा विभाग के बीच एमओयू हुआ है। इसके तहत कक्षा 6 से 12 तक पाठयक्रम में मतदाता शिक्षा व चुनावी साक्षरता को शामिल किया जाएगा। साथ ही कॉलेजों में एकीकरण सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए पाठ्यचर्या ढांचे में बदलाव होगा। इसे विभिन्न विषयों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। एनसीईआरटी चुनावी साक्षरता पर सामग्री शामिल करने के लिए पाठ्यपुस्तकों को पेश और अद्यतन करेगा। राज्य शिक्षा बोडों और अन्य बोड़ों को भी इसके पालन की सलाह देगा।
कक्षाओं में चुनावी साक्षरता को प्रभावी ढंग से प्रदान करने के लिए शिक्षकों के अभिविन्यास और प्रशिक्षण पर जोर दिया है। स्कूलों और कॉलेजों में चुनावी साक्षरता क्लब (ईएलसी) स्थापित करने के लिए राज्य शिक्षा विभागों के भीतर जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना। शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से युवाओं में चुनावी साक्षरता पैदा करने की दीर्घकालिक दृष्टि से समझौता किया है। इस पहल से शहरी और युवाओं की उदासीनता दूर करने के चुनाव आयोग के प्रयास में मदद मिलने की उम्मीद है, इससे अगले आम चुनावों में बेहतर चुनावी भागीदारी हो सकेगी। विधानसभा चुनावों में भी इसका असर देखने को मिलेगा ।
एमओयू की मुख्य विशेषताएं ... एक मजबूत तंत्र विकसित होगा
छात्रों के बीच मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वे देश की चुनावी प्रणाली से वाकिफ है। उन्हें मतदाता के रूप में पंजीकृत होने और हर चुनाव में अच्छी तरह सूचित और नैतिक दृष्टिकोण के साथ उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है ।
18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के तुरंत बाद प्रत्येक छात्र को मतदाता पहचान पत्र सौंपने के ईसीआई के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करना चाहता है। योग्य और भावी छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार किया जाएगा ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें