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शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

विधानसभा चुनाव में ड्यूटी का दिख रहा असर, 11 दिसंबर से शुरू होनी हैं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं अधूरी तैयारी के साथ परीक्षा में बैठेंगे विद्यार्थी


विधानसभा चुनाव में ड्यूटी का दिख रहा असर, 11 दिसंबर से शुरू होनी हैं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं  अधूरी तैयारी के साथ परीक्षा में बैठेंगे विद्यार्थी

सवाईमाधोपुर. प्रदेश में 25 नवंबर को विधानसभा चुनावों के चलते अध्यापकों की ड्यूटी चुनाव कार्यों में लगी थी। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर सरकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण भी चुनाव से काफी समय पहले शुरू हो गए। चुनाव के दौरान अधिकांशत सरकारी स्कूलों को ही पोलिंग बूथ बनाया गया। इस दौरान स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का अध्ययन पूरी तरह प्रभावित रहा। अब जबकि अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 11 दिसंबर से शुरू होने वाली हैं, तो कई स्कूलों में पाठ्यक्रम अधूरा होने की जानकारी सामने आ रही है। किसी सरकारी स्कूल में 70 प्रतिशत तो कहीं 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही पूरा हो पाया है। जबकि अन्य बार अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले 100 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाता था। ऐसे में विद्यार्थियों को इस बार बिना तैयारी के ही परीक्षा देनी होगी, जिससे उनका परिणाम भी प्रभावित होगा।


यह है समय पर कोर्स पूरा नहीं होने के कारण

पहले शिक्षकों को 67 गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया था। इससे प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में सबसे अधिक पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसके बाद माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी में लगा दिया। इससे भी स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। इसके अलावा जिले में संचालित अधिकतर स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों का समय पर छात्रों को वितरण नहीं हो सका। इससे भी समय पर कोर्स पूरा नहीं हो पाया। कई शिक्षकों की सेवाएं आचार संहिता लगने के साथ ही विभिन्न प्रकोष्ठों में लग गई थी।पुस्तकालय दिवस पर बामनवास के पिपलाई, खेड़ली और कोयला में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने निरीक्षण किया था। इस दौरान यहां भी जिला शिक्षा अधिकारी ने पाठ्यक्रम पूरा करने के निर्देश दिए थे।


निरीक्षण में सामने आई हकीकत

हाल ही जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक गोविंद दीक्षित ने गुरुवार को बामनवास क्षेत्र के स्कूलों में निरीक्षण किया था। वहीं गुरुवार को गंगापुर क्षेत्र के स्कूलों में निरीक्षण किया था। इस दौरान यहां कुछ स्कूलों में कोर्स अधूरे मिले थे। इस दौरान इन्होंने स्कूलों के कोर्स अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले पूरा करने के निर्देश दिए थे। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक नाथूलाल खटीक ने राजकीय प्रावि डेनिपुर, ग्राम पंचायत जीवली, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ढाणी, सूरजपुरा, ग्राम पंचायत टोंकसी में निरीक्षण किया था।


अब तक की सबसे कमजोर तैयारी

जिले में कक्षा 9 से 12 की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 11 दिसंबर से शुरू होने वाली है। इस परीक्षा की इस बार अब तक सबसे कमजोर तैयारी रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में छ:माही परीक्षा का सिलेबस पूरा नहीं हो सका है।



ये बोले अभिभावक व अन्य


पढ़ाई रही बाधित

विगत दो माह से विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। पहले दिवाली का त्योहार फिर चुनाव आ गए। इससे सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की चुनाव में ड्यूटी लगने से पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में तीन दिन का ही समय शेष है। ऐसे में बच्चों के परीक्षा परिणाम पर वितरित असर पड़ेगा।-अशोक कुमार गुर्जर, अभिभावक, खण्डार


नहीं हुआ शत-प्रतिशत कोर्स

चुनाव होने के बावजूद भी विद्यालयों में अध्यापकों ने पाठ्यक्रम पूरा कराने में उदासीनता दिखाई। इससे बच्चो की पढ़ाई चौपट हो गई है। बोर्ड परीक्षाओं का अभी तक शत-प्रतिशत कोर्स पूरा नहीं हुआ है। कई जगह तो आज भी विषयाध्यापक नहीं है। इससे परीक्षा से पहले कोर्स अधूरा रहा।-उदित शर्मा, छात्र संघ उपाध्यक्ष, महाविद्यालय खण्डार


फैक्ट फाइल

  • जिले में पहली से बारहवीं तक संचालित सरकारी स्कूल-1045
  • जिले में प्राथमिक व उप्रावि-693
  • प्राथमिक स्कूलों की संख्या-411
  • उच्च प्राथमिक विद्यालय-282


पहले खेलकूद प्रतियोगिताएं, फिर चुनावों में चले गए शिक्षक

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाटोदा के बच्चों ने बताया कि उनके यहां भी पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। जानकारी करने पर सामने आया कि यहां सितम्बर माह में जहां राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल चल रहे थे। वहीं अक्टूबर माह में विभागीय खेलकूद प्रतियोगिताएं सामने आ गई। इसके बाद विधानसभा चुनाव आ गए। यहां के प्रिंसिपल की करीब 50 दिन से विधानसभा चुनाव में ड्यूटी थी। वहीं व्याख्याता भी चुनाव ड्यूटी में लगे थे।


विधानसभा चुनावों के चलते जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में इस बार बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है। विधानसभा चुनावों में शिक्षकों की ड्यूटी के होने से शिक्षक कई दिन अपने मूल कार्य अध्यापन से दूर रहे। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई। अब अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं सिर पर आ गई हैं। ऐसे में इस बार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी आधी-अधूरी तैयारी के साथ परीक्षा में बैठेंगे।


ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई

चुनाव में तो शिक्षकों की पांच दिन ड्यूटी रही है। मेरे सामने कोर्स अधूरे होने की जानकारी सामने नहीं आई है। यदि इस तरह का कोई मामला या शिकायत आएगी तो सोचा जाएगा।-गोविंद प्रसाद बंसल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी



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