प्रदेश के 125 स्कूल में परिणाम कम, अब डाइट के मेंटर रखेंगे नजर
पाली. प्रदेश के 125 स्कूलों में सत्र 2022-23 में कक्षा दसवीं व बारहवीं परीक्षा का परिणाम विभाग के मापदण्डों से कम रहा था। ऐसे सबसे अधिक स्कूल उदयपुर जिले में 20 है। दूसरे नम्बर करौली जिले में 12 व तीसरे स्थान पर पाली जिले के 10 स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब रहा था। इनके साथ प्रदेश के 26 जिलों के 125 स्कूलों का परिणाम कम रहा। उनमे सुधार के लिए अब नया तरीका अपनाया है। स्कूलों में एसटीसी कराने वाले संस्थान डाइट से मेंटर लगाए है। डाइट फेकल्टी के मेंटर तय मापदण्डों के तहत स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारने के प्रयास करेंगे।
पाली के इन स्कूलों में लगाए मेंटर
पाली के राउमावि भगोड़ा, रडझालरा, हरियामाली, गुड़ा रामसिंह, पीपला, बिठुडाकलां, देवीचंद मायाचंद बोरिवाला राउमावि सादड़ी, श्रीअम्बिका राजकीय बालिका उमावि बूसी व धनराज बदामिया राजकीय बालिका उमावि नई आबादी सादड़ी।
-फेकल्टी अपने नामित विद्यालय का माह में कम से कम एक बार भौतिक निरीक्षण करेगी।
-पिछले वर्षो ं के बोर्ड परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेंगे। बोर्ड परीक्षा परिणाम कम रहने के कारणों की जांच करेंगे। परिणाम में सुधार के लिए प्रयास करने के साथ मार्गदर्शन करेंगे।
-विद्यालय के संस्थाप्रधान व बोर्ड कक्षाओं में पढ़ाने वाले अध्यापकों से सम्पर्क में रहेंगे।
-जिन स्कूलों में विषायाध्यापक के पद रिक्त है या अध्यापक अवकाश पर है, वहां मिशन स्टार्ट से अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था करेंगे।
-स्कूल आफ्टर स्कूल कार्यक्रम के तहत बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को लिंक भेजना तय करवाएंगे।
जिलेवार इतने स्कूलों का परिणाम रहा था कम
प्रदेश में सबसे अधिक उदयपुर में 20 स्कूलों का परिणाम मापदण्डों से कम रहा। धौलपुर के 2, बीकानेर के 4, बांसवाड़ा के 3, करौली के 12, कोटा के 7, सिरोही के 6, हनुमानगढ़ के 1, भीलवाड़ा के 6, पाली के 10, प्रतापगढ़ के 2, राजसमंद के 6, सवाई माधोपुर के 6, जयपुर के 4, अजमेर के 6, अलवर के 4, जोधपुर के 2, बारां के 4, दौसा के 2, जैसलमेर के 6, भरतपुर के 2, नागौर के 2, जालोर के 4, झालावाड़ा के 2, चित्तौड़गढ़ के 1 व बाड़मेर के 1 स्कूल में परिणाम कम रहा।
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