स्कूल क्रमोन्नत, पद मंजूर नहीं, अधिशेष शिक्षकों को 2 माह से नहीं मिला वेतन महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का मामला, शिक्षकों ने पोर्टल सहित व्यवस्था पर उठाए सवाल, बोले- उधार ले घर चला रहे
हनुमानगढ़ । जिले के विभिन्न राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के क्रमोप्रत स्कूल के शिक्षकों महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम की अधिकतर स्कूल के शिक्षकों एवं नवीन पदस्थापन से अधिशेष हुए शिक्षकों को पिछले कुछ महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भी अध्यापकों के लिए वेतन व्यवस्था की गई थी लेकिन उसमें आवेदन करने के बावजूद उनको सैलरी नहीं मिल पाई है। ऐसे में अध्यापकों को उधार लेकर घर चलाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के ऋणों की किस्त भरने, एलआईसी प्रीमियम और आयकर कटौतियों आदि को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि जिले भर में कई स्कूलों को इंग्लिश माध्यमिक स्कूलों में क्रमोन्नत किया गया था। ऐसे में स्कूल तो क्रमोन्नत हो गए लेकिन वहाँ पढ़ा रहे अध्यापकों के लिए पद मंजूर नहीं किए गए थे। इसीलिए यह स्थिति पैदा हुई है। हालांकि, शिक्षा निदेशालय ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए वेतन आहरण के लिए पोर्टल भी लांच किया था। लेकिन शिक्षकों के अनुसार पोर्टल में आवेदन करने के बावजूद सैलरी नहीं आ रही।
नवंबर में व्यवस्था हुई थी लागू, अधिशेष शिक्षकों को पोर्टल से करना था वेतन आहरण का आवेदन
माध्यमिक शिक्षा राजस्थान के निदेशक ने 8 नवंबर को अधिशेष कार्मिकों की वेतन व्यवस्था के आदेश दिए थे। आदेशों के तहत महात्मा गांधी स्कूलों में चयन के बाद पदस्थापन से अधिशेष हुए शिक्षकों जिन्हें ब्लॉक अथवा नजदीक के स्कूलों में अस्थाई तौर के कर पदस्थापित किया गया था। उनको वेतन आहरण के अलग से दिशानिर्देश भेजे गए थे। चूंकि, स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों/ कार्मिकों की वेतन व्यवस्था (पद न होने के कारण बकाया) के ऑनलाइन निस्तारण करवाने के क्रम में शाला दर्पण पोर्टल पर वेतन व्यवस्था मोड्यूल को पोर्टल पर लाइव किया गया था। इसके तहत सभी अधिशेष शिक्षकों वेतन आहरण के लिए स्कूल कार्यालय के शाला दर्पण लॉग इन पर उपलब्ध वेतन व्यवस्था मोड्यूल से आवेदन करना होगा।
शिक्षकों की पीड़ा: बिना वेतन घर चलाना हुआ मुश्किल
वेतन व्यवस्था के तहत मैने कई बार आवेदन किया लेकिन सैलरी नहीं आई। अभी तक मैने 6 बार आवेदन किया है लेकिन हर बार रिजेक्ट कर दिया गया। बिना सैलरी के घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। परविंदर सिंह, अध्यापक, शाहपीनी पिछले दो महीने से मुझे वेतन ही नहीं मिला है। पोर्टल अपर आवेदन करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विभाग को शिक्षकों की समस्या की तरफ ध्यान देने की जरुरत है। अक्टूबर माह से मेरा वेतन बकाया है। संतरो विश्नोई, अध्यापिका
वेतन व्यवस्था की गई, पोर्टल पर सही एंटी करना जरूरी - डीईओ
सभी अध्यापकों के लिए बेतन व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर अगर आवेदन सही भरेंगे तो सैलरी एकदम समय से मिलेगी। कई बार अध्यापक गलत एंट्री कर देते हैं इस वजह से यह दिक्कत सामने आ रही है। इसके बावजूद अगर समस्या आ रही है तो वे कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।-हंसराज जाजेवाल,डीईओ, हनुमानगढ़।
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