उनको मुफ्त में मिले मोबाइल, होनहार मेहनत के बावजूद तोहफे को तरसे,प्रदेश में एक लाख 20 हजार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को नहीं मिले टेबलेट
राज्य सरकार के पास रहा बजट का टोटा, प्रदेश में पांच साल से नहीं वितरण
हनुमानगढ़. किसी को तो मुफ्त में बैठे-बैठाए मोबाइल फोन मिल गए और मेधावी विद्यार्थी मेहनत के बावजूद तोहफे के लिए तरस गए। पिछली राज्य सरकार ने वोटों के फेर में करोड़ों रुपए के मोबाइल फोन मुफ्त में खूब बांटे। मगर पांच बरस तक राज्य सरकार ने होनहार विद्यार्थियों को लैपटॉप व टेबलेट नहीं वितरित किए।
बजट के अभाव में लैपटॉप वितरण योजना अटकी रही। गत सरकार ने चुनावी वर्ष में लैपटॉप वितरण के लिए प्रक्रिया जरूर प्रारंभ की थी। मगर वह सिरे अब नए साल में ही चढ़ सकेगी।
इसके लिए जैम पोर्टल के माध्यम से टेबलेट खरीद की प्रक्रिया चल रही है।
बदलाव मगर कुछ मिला नहीं
जानकारी के अनुसार सरकारी पाठशालाओं के होनहारों को पहले लैपटॉप का वितरण किया जाता था। पिछली सरकार ने लैपटॉप की जगह टेबलेट का वितरण करना तय किया। इन टेबलेट के साथ तीन वर्ष का इंटरनेट कनेक्शन भी प्रदान किया जाना है। मगर विद्यार्थियों को ना तो लैपटॉप मिले और ना ही टेबलेट मय कनेक्शन।
किनको है मिलना
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की कक्षा आठ, दस, व्यावसायिक शिक्षा सहित प्रवेशिका एवं कक्षा बारहवीं और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाओं में परिणाम के आधार पर होनहार विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित किए जाते हैं। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार टेबलेट वितरण में देरी से होनहार विद्यार्थियों में मायूसी है। समय पर वितरण से योजना का उद्देश्य पूरा होता है।
कितने होनहार प्रतीक्षा में
शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019-20 से मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप/टेबलेट का वितरण नहीं हो सका है। सरकार ने चुनाव से पहले सत्र 2019-20 से लेकर 2023-24 तक टेबलेट वितरण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की थी। इसके आधार पर प्रदेश में वितरण किए जाने वाले टेबलेट की अनुमानित संख्या एक लाख बीस हजार नौ सौ है। इस पर अनुमानित लागत 288.95 करोड़ रुपए आनी है।
फैक्ट फाइल
कितने विद्यार्थी प्रतीक्षा में 1,20,900
अनुमानित लागत कितनी 288.95 करोड़
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