दम तोड़ रहा डिजीटल शिक्षा हासिल करने का सपना,प्रदेश के 3800 सरकारी स्कूलों उपकरण नहीं लगने से हजारों बच्चे मिशन स्टार्ट योजना के लाभ से वंचित
राज्य में 19,701 उच्च माध्यमिक स्कूल में से 15 899 स्कूलों में ही है आईसिटी लैब
सीकर जिले में 799 में से 200 स्कूलों में नहीं है आइसिटी लैब
सीकर. शिक्षा विभाग में नई नई फ्लैगशिप योजनाएं लागू कर नवाचार तो किए जा रहे हैं, लेकिन इन योजनाओं का पूरा लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है। प्रदेश के 3802 उच्च माध्यमिक स्कूलों में मिशन स्टार्ट योजना का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पाएगा। क्योंकि इन स्कूलों में डिजीटल उपकरण ही उपलब्ध नहीं है। सीकर जिले में महात्मा गांधी सहित 799 उच्च माध्यमिक स्कूल्स हैं, जिनमें से करीब 200 स्कूलों में आइसिटी लैब नहीं हैं। शिक्षा विभाग सीडीईओ, डीईओ, सीबीईओ और संस्था प्रधान भामाशाहों से भी डिजीटल उपकरण उपलब्ध नहीं करवा पा रहा हैं। इसका नवीं से 12वीं तक की कक्षा के स्टूडेंट्स को नुकसान हो रहा है। विशेषकर बोर्ड के स्टूडेंट्स को इस तकनीक से काफी फायदा मिलता।
यह है योजना
हाल ही शुरू की गई नई फ्लैगशिप योजना मिशन स्टार्ट में ब्लेंडेड लर्निंग के प्रयोग से शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए कक्षा नवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल लेसन गाइडेंस मॉड्यूल के अनुसार डिजिटल कंटेंट से अध्ययन कराने की पहल की गई है। निसंदेह यह योजना विद्यार्थियों के लिए अच्छी और फलदायी साबित हो सकती है। जिन स्कूलों में विषयाध्यापकों के पद रिक्त है, विषयाध्यापक अनुपस्थित होते हैं, उनमें कठिन विषय की विषयवस्तु को समझाने के लिए स्कूलों में डिजीटल सामग्री से शिक्षण को आसान बनाने की योजना है। बावजूद इसके राज्य के सभी सरकारी सीनियर स्कूलों में डिजीटल उपकरण ही उपलब्ध नहीं हैं।
15268 स्कूलों में ही शुरू हो पाई है योजना
प्रदेश के बहुत से स्कूलों के हजारों बच्चों को डिजिटल शिक्षण का लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेश के 3802 उच्च माध्यमिक स्कूलों में मिशन स्टार्ट का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पाएगा, क्योंकि इन स्कूलों में डिजिटल उपकरण ही उपलब्ध नहीं है। राज्य में 19701 उच्च माध्यमिक स्कूल हैं, जिनमें से 3802 स्कूलों में डिजिटल उपकरण नहीं हैं। प्रदेश के 15899 में से 15268 स्कूलों ने इस योजना में शिक्षण का टाइम टेबल बनाकर शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। इन स्कूलों में डिजीटल उपकरण लगे हुए हैं और आइसिटी लैब के तहत ये प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
स्टाफ की कमी वाले स्कूलों में कारगर
प्रदेश में जिन स्कूलों में स्टाफ की कमी है वहां पर इस मिशन स्टार्ट में ब्लेंडेड लर्निंग के प्रयोग से बच्चों को पढ़ाकर कोर्स पूरा करवाया जा रहा है। वहीं साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के जो टॉपिक काफी टफ हैं, उन्हें समझाने के लिए और बच्चों को जल्द याद करवाने के लिए भी इस लर्निंग का उपयोग किया जा रहा है। बच्चे प्रयोगों के माध्यम से इन कठिन टॉपिक्स को आसानी से समझ पा रहे हैं। कमजोर बच्चों और बोर्ड परीक्षा के होशियार छात्रों के अंकों में बढ़ोतरी होगी।
इनका कहना है....
सीकर जिले में जिन उच्च माध्यमिक स्कूलों में आइसिटी लैब्स नहीं हैं, वहां संस्था प्रधान ग्रामीणों व भामाशाहों के सहयोग से आइसिटी लैब्स लगवाने का बंदोबस्त कर रहे हैं। सीकर जिले में भामाशाहों की ओर से 25 प्रतिशत राशि देने पर सरकार की ओर से 75 प्रतिशत राशि देकर कंप्यूटर लैब्स तैयार की जाती है।-शीशराम कुल्हरी, डीईओ, माध्यमिक शिक्षा, सीकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें