Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

न्यूनतम परिणाम वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग की नजर



 न्यूनतम परिणाम वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग की नजर

जयपुर. गत सत्र में निर्धारित सीमा से कम बोर्ड परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालयों पर अब शिक्षा विभाग की विशेष नजर रहेगी। परिणाम सुधारने के लिए राज्य में कम परिणाम वाले 125 विद्यालयों में मेंटर डाइट फैकल्टी की नियुक्ति की गई है। हर माह मेंटर डाइट फैकल्टी की ओर से विद्यालय का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा। डाइट टीचर विद्यालय के गत वर्ष के परिणाम की जानकारी लेंगे। परिणाम कम रहने के कारण जानेंगे व आगामी वर्ष के परिणाम में सुधार का कार्य करेंगे। गौरतलब है कि स्कूल शिक्षकों की कमी जूझ रहे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव के चलते भी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है।


407 शिक्षकों को दिया था नोटिस: शिक्षा सत्र 2022-23 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के परीक्षा परिणाम में शिक्षा विभाग के मापदंड के अनुसार परिणाम नहीं देने पर प्रदेश के 407 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। प्रदेश में पांच व्याख्याता ऐसे भी हैं, जिनका परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। जैसलमेर के पोकरण की राउमावि एका के सामाजिक विज्ञान के प्रथम ग्रेड के शिक्षक शिवलाल गोयल, बांसवाड़ा ब्लॉक के राउमावि पलासोद के प्राचार्य तथा विज्ञान विषय के शिक्षक बत्तीलाल मीणा तथा बारां के शाहबाद ब्लॉक के राउमावि शाहबाद के गणित-विज्ञान के व्याख्याता रामचन्द्र मीणा को भी नोटिस जारी किया गया है।


कितने स्कूलों में रहा न्यून परिणाम

सबसे अधिक उदयपुर में 20 स्कूलों का परिणाम मापदण्डों से कम रहा। धौलपुर के 2, बीकानेर के 4, बांसवाड़ा के 3, करौली के 12, कोटा के 7, सिरोही के 6, हनुमानगढ़ के 1, भीलवाड़ा के 6, पाली के 10, प्रतापगढ़ के 2, राजसमंद के 6, सवाईमाधोपुर के 6, जयपुर के 4, अजमेर के 6, अलवर के 4, जोधपुर के 2, बारां के 4, दौसा के 2, जैसलमेर के 6, भरतपुर के 2, नागौर के 2, जालोर के 4, झालावाड़ के 2, चित्तौड़गढ़ के 1 व बाड़मेर के 1 स्कूल में परिणाम कम रहा।


यह रहेगा डाइट फेकल्टी का काम

  • फेकल्टी अपने नामित विद्यालय का माह में कम से कम एक बार भौतिक निरीक्षण करेगी।
  • पिछले वर्षों के बोर्ड परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेंगे। बोर्ड परीक्षा परिणाम कम रहने के कारणों की जांच करेंगे। परिणाम में सुधार के लिए प्रयास करने के साथ मार्गदर्शन करेंगे।
  • विद्यालय के संस्था प्रधान व बोर्ड कक्षाओं में पढ़ाने वाले अध्यापकों से सम्पर्क में रहेंगे।
  • जिन स्कूलों में विषायाध्यापक के पद रिक्त है या अध्यापक अवकाश पर है, वहां मिशन स्टार्ट से अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था करेंगे।
  • स्कूल आफ्टर स्कूल कार्यक्रम के तहत बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को लिंक भेजना तय करवाएंगे।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

CLOSE ADVERTISEMENT