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शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

गुरुजी रहे ओलंपिक व चुनावों में व्यस्त, कैसे पूरा होगा पाठयक्रम



 गुरुजी रहे ओलंपिक व चुनावों में व्यस्त, कैसे पूरा होगा पाठयक्रम

छतरगढ़ राउमावि में छात्र परेशान

छतरगढ़. कभी ग्रामीण ओलम्पिक,तो कभी दीपावली का त्योंहार और फिर आ गए विधानसभा चुनाव। इन सबके चलते कभी स्कूल की छुट्टी तो कभी मास्टरजी की ड्यूटी। जिसके चलते राजकीय विद्यालयों में छात्रों का निर्धारित पाठ?क्रम दिसंबर प्रारंभ होने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका।


ऐसे में बार-बार बाधित हो रही पढाई के बीच आधे-अधूरे कोर्स के साथ छात्रों को अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं देनी होगी, जो 11 दिसंबर से शुरु हो रही है। अब मास्टरजी के साथ-साथ विद्याथियों को भी अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।


अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी के लिए शिक्षा विभाग की ओर से तय किए गए पाठ्यक्रम तक अधिकांश विद्यालयों में पढ़ाई हो ही नहीं पाई है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में राजकीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों को राज्य सरकार ने पहले जहां ग्रामीण ओलंपिक में व्यस्त किए रखा। वहीं इसके बाद दीपावली की छुट्टियां आ गई। दीपावली अवकाश के बाद विद्यालय खुले तो मास्टरजी राज्य की सरकार के निर्वाचन कार्य यानि विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गए। शिक्षकों की गैर-शैक्षणिक कार्य में व्यस्तता के चलते राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की पढ़ाई चौपट हो रही है। राजकीय विद्यालयों के अधिकांश अध्यापकोें की ड्यूटी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रक्रिया करवाने के लिए लगा रखी है।


इसके अलावा अनेक शिक्षकों की सेवाएं आचार संहिता लगने के साथ ही विभिन्न प्रकोष्ठों में लगी हुई है। ऐसे में विद्यालयों मेें विद्यार्थियों का निर्धारित पाठ?क्रम पूरा नहीं हो सका। जिसके चलते अभिभावकों भी परेशान हैं।


बोर्ड परीक्षा का परिणाम होगा प्रभावित


शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह तक 60 फीसदी से अधिक पाठ्यक्रम पूरा हो जाना चाहिए था। अधूरे पाठ्यक्रम के चलते 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के छात्रों का परीक्षा परिणाम प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई हैं, क्योंकि वे अधूरी तैयारी से परीक्षा में शामिल होंगे। वहीं 11 दिसंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरु होनी है, जिसके लिए समय भी एक पखवाड़े से कम बचा है। एक्सपर्ट के मुताबिक परीक्षा के आधार पर बोर्ड स्टूडेंट्स की तैयारी और परफॉरमेंस का पता चलता है।


वर्तमान शैक्षिक कैलेंडर 2023-24 में विद्यालयों में ग्रामीण ओलंपिक खेलकूद, शिक्षक खेलकूद एवं विधानसभा चुनाव 2023 में अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी होने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित होने से छात्रों का पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं हुआ है।


दो पारियों में होगी अर्द्धवार्षिक परीक्षा


जिलेभर के राजकीय विद्यालयों में 11 दिसंबर से होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा दो पारी में चलेगी। अब अभिभावकों के सामने यह परेशानी खड़ी होगी कि आखिर इतने कम समय में भी शिक्षक अपेक्षित पाठ्यक्रम कैसे पूरा करवा सकेंगे। ऐसे में मजबूरन छात्र महंगी कोचिंग का रास्ता अपनाने की भी कोशिश में जुटे हैं। वहीं शिक्षा विभाग जिला समान परीक्षा (माध्यामिक) की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षा की तैयारी में जुट गया है।


कैसे करवाएंगे बच्चों को परीक्षा की तैयारी

राजकीय विद्यालयों में 11 दिसंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होनी प्रस्तावित है। जिसकी विभागीय सूचना जारी हो चुकी है। अब गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे अध्यापक पाठ्यक्रम पूरा करवाने को लेकर चिंतित है, वहीं विद्यार्थी निर्धारित पाठ्य?म पूरा हुए बिना परीक्षाओं की तैयारी को लेकर परेशान हैं। यही नहीं पाठ्यक्रम के समय पर पूरा नहीं होने से छात्रों का दोहराव (रिवीजन) कार्य भी नहीं हो सका। जिसका सीधा असर बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ेगा।


ज्यादातर राजकीय शिक्षण संस्थाओं औसतन पचास प्रतिशत पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो सका है। जो शिक्षा विभाग के लिए बेहद चिंतनीय है। कस्बे सहित क्षेत्र के अनेक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए निर्धारित पाठयक्रम पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा क्षेत्र के कई स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के चलते भी अलग-अलग विषय के कोर्स पूरे नहीं हो पा रहे हैं।


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