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मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

स्कूल से बाहर निकला शिक्षकों का आधा सत्र, अब कोर्स पूरा करना परेशानी

स्कूल से बाहर निकला शिक्षकों का आधा सत्र, अब कोर्स पूरा करना परेशानी

शीतकालीन अवकाश के दो महीने बाद फिर लोकसभा चुनाव में देनी होगी ड्यूटी

सीकर. इसे विडंबना कहें या सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ विभेद! प्रशिक्षण से लेकर विधानसभा निर्वाचन तक में उलझे शिक्षकों का ज्यादातर समय इस सत्र में कक्षा कक्ष से बाहर ही गुजरा है। जिसके चलते इन बच्चों को अधूरे कोर्स के साथ अर्द्धवार्षिक परीक्षा देनी पड़ रही है। अब चूंकि परीक्षा के बाद शीतकालीन अवकाश और उसके दो महीने बाद ही लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में अधूरे कोर्स से वार्षिक परीक्षा भी बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनना तय हो गया है।


40 फीसदी ही कोर्स पूरा

शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यो में लगाने की वजह से ज्यादातर स्कूलों का कोर्स आधा भी नहीं हुआ है। ज्यादातर स्कूलों में 40 फीसदी ही कोर्स पूरा हुआ है। इसी कोर्स के साथ बच्चों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा देनी पड़ रही है।


यूं प्रभावित हुई पढ़ाई

1. नई शिक्षा नीति के तहत एक लाख 72 हजार शिक्षकों को 2 जुलाई से 12 अगस्त तक प्रशिक्षण दिया गया।

2. ग्रेड शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षकों की महात्मा गांधी व अन्य स्कूलों में हुई उठापटक से पढ़ाई बाधित हुई।

3. ग्रामीण ओलंपिक व युवा महोत्सव की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई।

4. बीएलओ सहित विधानसभा चुनाव में नियुक्ति से शिक्षकों का काम प्रभावित हुआ।

5. अन्य प्रशिक्षणों व गैर शैक्षिक कार्यो से भी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई।


शिक्षकों को कार्रवाई का डर

कोर्स पूरा नहीं होना शिक्षकों के लिए भी परेशानी का सबब बन रहा है। बच्चों की पढ़ाई के साथ बेहतर परिणाम नहीं देने पर शिक्षकों को विभाग से नोटिस मिलने की चिंता भी सता रही है। मामले में शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्य में नहीं लगाने की मांग फिर बुलदं की है।


एक्सपर्ट व्यू....

इस साल बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित रही है। पूरे सत्र में प्रशिक्षण, निर्वाचन व अन्य गैर शैक्षिक कार्यो में शिक्षकों की नियुक्ति की वजह से ज्यादातर स्कूलों में कोर्स अधूरा रहा है। शीतकालीन अवकाश व लोकसभा चुनाव की वजह से आगे भी पढ़ाई प्रभावित रहने की आशंका है। सरकार को निर्वाचन सहित हर प्रकार के गैर शैक्षिक कार्यों से शिक्षकों को पूर्ण मुक्त रखना चाहिए।-उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत। 

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