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मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

सरकार बनने में देरी कर्मचारियों व पेंशनरों को भी दे रही दर्द....

 

सरकार बनने में देरी कर्मचारियों व पेंशनरों को भी दे रही दर्द....

सीकर. राजस्थान में नई सरकार के चुनाव के लिए लगी आचार संहिता हटने के बाद भी प्रदेश की जनता को अभी राहत मिलना शुुरू नहीं हुआ है। पिछली सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर आमजन के साथ कर्मचारियों को भी नई सरकार के कामकाज संभालने का इंतजार है। आरजीएचएस व चिरंजीवी योजनाओं का भुगतान समय पर नहीं होने की वजह से कर्मचारियों के साथ पेंशनरों की मुसीबत बढ रही है। कई अस्पतालों में जहां मरीजों को परामर्श तो मिल रहा है लेकिन जांच अटकी हुई है। मेडिकल स्टोर संचालकों को भी कई महीनों से भुगतान नहीं हुआ है। इस वजह से कई मेडिकल स्टोर संचालकों की ओर से दवाएं नहीं दी जा रही है।



केस एक: नहीं करवा पा रहे आंखों का ऑपरेशन

कर्मचारी मुकेश कुमार पिछले एक महीने से आंखों की पीड़ा से परेशान है। चिकित्सक ने ऑपरेशन बताया। उनका कहना है कि पहले चुनाव ड्यूटी की वजह से ऑपरेशन नहीं करवा सके। अब निजी अस्पतालों की ओर से आरजीएचएस में भुगतान नहीं आने की वजह से ऑपरेशन करने में आनाकानी की जा रही है।


केस दो: नहीं मिल रही दवाएं


पेंशनर हरलाल सिंह ने बताया कि कई बीमारियों की वजह से दवाएं लेनी पड़ती है। पिछले 15 दिनों से मेडिकल स्टोर संचालकों की ओर से भुगतान नहीं आने की वजह से दवाएं देने से मना किया जा रहा है। अब एक मेडिकल स्टोर संचालक को जैसे-तैसे राजी किया यदि भुगतान नहीं आता है तो वह पैसे देंगे।


केस तीन: परामर्श मिला, जांच अटकी


कर्मचारी पंकज यादव ने बताया कि तीन दिन पहले सांस लेने में दिक्कत होने पर वह जयपुर के निजी अस्पताल में गए। यहां चिकित्सक ने परामर्श तो दे दिया। अस्पताल में जांच की सुविधा बंद होने की वजह से मजबूरी में बाहर जांच करानी पड़ी। बाहर न तो चिरंजीवी योजना काम आई और न ही आरजीएचएस से ही कोई फायदा मिला।


फैक्ट फाइल

प्रदेश में कर्मचारी: लगभग 8 लाख


पेंशनर: 3 लाख

आरजीएचएस योजना से सम्बद्ध अस्पताल: 650

मेडिकल स्टोर संचालक सम्बद्ध: 3500 से अधिक

अस्पताल व मेडिकल स्टोर संचालकों का बकाया: लगभग 700 करोड़


आचार संहिता की वजह से कई महीनों से भुगतान अटका हुआ है। सरकार को शपथ लेते ही मरीजों की पीड़ा को समझते हुए भुगतान कराना चाहिए।-नटवर बिन्दल, अस्पताल, निदेशक


राज्य में सरकार बदलने पर जनहित की योजनाओं भी पर संशय के बादल मंडराने लगते हैं। पुराना बकाया होने की वजह से कई मेडिकल स्टोर संचालकों की वजह से दवाएं नहीं देने की बात सामने आ रही है। इससे कर्मचारियों व पेंशनरों की परेशानी बढ़ी है। नई सरकार को सत्ता में आते ही जनहित की योजनाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे आमजन के साथ कर्मचारियों व पेंशनरों की परेशानी दूर हो सके।-विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश महामंत्री , अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ


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