संस्था प्रधान और शिक्षकों को साइबर सेफ्टी की बताई बारीकियां
धौलपुर. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली ओर से जिले में मंगलवार को एनसीपीसीआर मैन्युअल ऑन सेफ्टी एंड सिक्योरिटी ऑफ चिल्ड्रन इन स्कूल्स विद स्पेशल फोकस ऑन साइबर सेफ्टी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत आयोग से आए विशेषज्ञ और जिला कलक्टर ने सरस्वती माता की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर की। कार्यक्रम में सीईओ जिला परिषद सुदर्शन तोमर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी विश्व देव पांडेय सहित प्रत्येक ब्लॉक से 10-10 संस्था प्रधानों और 10-10 शिक्षकों ने शिरकत की।
आयोग से आई विशेषज्ञ सोमाश्री ने साइबर सेफ्टी की प्रासंगिकता, साइबर बुलिंग, साइबर फिशिंग, साइबर ग्रुमिंग, साइबर स्टाकिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट, हैकिंग, गेमिंग और चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट इत्यादि के विषय मे समझाते हुए इनके संभावित खतरों से बचाव के रास्तों की जानकारी दी। दूसरी विशेषज्ञ ऋतु सभरवाल ने आयोग की ओर से तैयार किए मैन्युअल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों से संबंधित मनो सामाजिक जोखिमों के विषय में बताया। ओपन हाउस चर्चा के माध्यम से सहभागियों की शंकाओं का समाधान किया। एससीईआरटी से आए विशेषज्ञ प्रवीण कुमार मुदगल ने मैन्युअल के क्रियान्वयन के लिए शिक्षक, संस्था प्रधानों और शाला स्टाफ के दायित्वों के विषय मे प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित किया।
संभाग में तेजी से बढ़ रहा साइबर अपराध
बतो दें कि भरतपुर संभाग में तेजी साइबर अपराध की घटनाओं में खासी वृद्धि हुई है। भरतपुर जिले का मेवात इलाका साइबर अपराध का गढ़ माना जा रहा है। झारखंड के जामताडा की तरह मेवात साइबर अपराध के क्षेत्र में कुख्यात हुआ है। इस इलाके में कई गिरोह बकायदा नई उम्र के युवाओं को लालच देकर कार्य कराते हैं। झांसे में फंसने या ठगी की राशि आने पर उन्हें बतौर कमीशन दिया जाता है। भरतपुर पुलिस और अब नवीन जिला बना डीग पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है लेकिन फिलहाल वारदातें जारी हैं।
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