अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं से पूर्व सरकारी स्कूलों में कल मनाया जाएगा लैब डे
परीक्षा से पहले लैब-डे मनाने का विरोध
उदयपुर . राज्य के स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रयोगशाला के महत्व और प्रभावी भूमिका को समझाने के उद्देश्य से 9 दिसंबर को लैब डे का आयोजन किया जाएगा। इस दिवस के प्रभावी आयोजन के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रधानाचार्य एवं फैकल्टीज जिले में कम से कम 2 स्कूलों का प्रभावी पर्यवेक्षण करेंगे। इसके लिए शासन सचिव नवीन जैन ने आदेश निकालकर समस्त संस्था प्रधानों एवं शिक्षकों को विद्यालय में स्थित प्रयोगशालाओं के प्रभावी संचालन की तैयारियों के लिए निर्देशित किया है।
लैब्स का लेंगे जायजा: इस दौरान पर्यवेक्षक दल संबंधित स्कूल में पहुंचकर भौतिक विज्ञान, कंप्यूटर, गृह विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, भूगोल और चित्रकला में से कौन कौन सी प्रयोगशाला हैं, उनका जायजा लेंगे। प्रयोगशाला में फर्नीचर की गुणवत्ता, सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान व उपलब्धता, उनकी गुणवत्ता, प्रायोगिक कार्य का रेकॉर्ड रखा जा रहा है या नहीं, स्टूडेंट्स की संख्या के अनुपात में प्रयोगशाला में सामान उपलब्ध है या नहीं, रोशनी व वायु संचार की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं, प्रयोग शाला की उपयोगिता की स्थिति समेत 16 बिंदुओं पर जांच करेंगे। अवलोकन व जांच के बाद रिपोर्ट राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर को भेजनी होगी।
बेहतर संसाधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए
लैब दिवस मनाना अच्छा है, लेकिन अधिकांश विद्यालयों में न लैब है, न लैब असिस्टेंट। ऐसे में जब विभाग के पर्यवेक्षक निरीक्षण करें तब लैब्स की स्थिति की पूरी रिपोर्ट दें। इसके बाद सभी विद्यालयों में लैब असिस्टेंट की नियुक्ति की जानी चाहिए ताकि विद्यार्थियों के अध्ययन में फायदा मिल सके। सरकार द्वारा विद्यालयों में अधिकाधिक संसाधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। सभी विद्यालयों में लैब के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध करवाने के साथ लैब असिस्टेंट के पद भी स्वीकृत किए जाने चाहिए। - बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
इधर, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से 9 दिसंबर को लैब डे मनाने का विरोध भी किया जा रहा है। शिक्षक संगठनों के अनुसार, चुनावों में व्यस्तता के कारण पहले ही विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो चुकी है। अब ठीक अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले ही लैब डे मनाने का निर्णय किया गया है जबकि इसकी तैयारी के लिए भी समय चाहिए। वहीं, कई स्कूल ऐसी हैं, जो केवल एक या दो कमरों में चल रही हैं और वहां प्रयोगशाला ही नहीं है।
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