विद्यालय हुआ क्रमोन्न्त, लेकिन सुविधाएं सिफर
नादौती. उपखण्ड क्षेत्र के कैमरी गांव के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को सरकार ने क्रमोन्नत कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का तमगा तो लगा दिया, लेकिन भौतिक सुविधाओं के नाम पर विद्यालय में प्राथमिक स्तर की भी सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। इसके चलते विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को शैक्षणिक दृष्टि से समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार द्वारा बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था। इससे उम्मीद की गई थी कि अब विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं के साथ विद्यालय का विकास होगा, लेकिन सुविधाएं बढ़ी न भवन का जीर्णोद्धार हो सका है। नतीजतन अभावों के बीच ही विद्यालय संचालित हो रहा है।
बैठने को भी नहीं पर्याप्त स्थान : वर्तमान में विद्यालय में 147 छात्राएं अध्ययनरत है। विद्यालय में स्टाफ तो पर्याप्त है, लेकिन स्थानाभाव की समस्या बनी हुई है। स्थानाभाव के चलते स्टाफ को विद्यालय के समीप बने पुराने पंचायत भवन में छात्राओं को बिठाकर पढ़ाना मजबूरी बनी हुई है। क्रमोन्नति के बाद विद्यालय में 10 कक्षाएं संचालित हो रही है, लेकिन तीन कक्षा कक्ष ही बैठने योग्य है। इनमें भी दीवारों का प्लास्टर उखड़ा हुआ है तथा अनेक जगह भवन में दरारें पड़ गई हैं। यहीं नहीं अधिकांश कक्षों की क्षत का प्लास्टर उखड़ कर गिर गया है। छत सीलन व पानी के रिसाव से उखड़ कर फूल गई है। इसके चलते छात्राओं और विद्यालय स्टाफ में खतरे की आशंका बनी रहती है।
सरकार एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन का अभियान चला कर स्वच्छाता का संदेश दे रही है, लेकिन विद्यालय में एक भी शौचालय, टॉयलेट की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में परेशानी हो रही है। इसके अलावा पीने के पानी की भी कोई माकूल व्यवस्था नहीं है। इसके चलते अध्ययनरत छात्राएं अपने घरों से पीने का पानी साथ लेकर आती हैं। हालांकि इन समस्याओं को लेकर विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से इस बीच कई बार विभागीय उच्च अधिकारियों को को लिखित में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जिसके लिए अध्ययन कार्य भी बाधित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर इन अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में भी नाराजगी बनी हुई है।
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