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गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

प्रदेश को नए सीएम मिले, स्कूलों में बाल गोपालों को मार्च के बाद मिलेंगे

 


प्रदेश को नए सीएम मिले, स्कूलों में बाल गोपालों को मार्च के बाद मिलेंगे


नोटबुक पर भी निवर्तमान सीएमऔर शिक्षामंत्री काछपा है नाम


बीकानेर. प्रदेश को नए मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा मिल चुके हैं। दो दिन के भीतर मंत्रिमंडल का गठन होने के साथ ही प्रदेश को नए शिक्षा मंत्री भी मिल जाएंगे। परन्तु सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बाल-गोपालों के लिए 31 मार्च तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ही रहेंगे। दरअसल, विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर की आपूर्ति करने वाली फर्म ने एडवांस में मार्च तक की आवश्यकता के अनुसार दूध पाउडर के पैकेट स्कूलों में आपूर्ति कर दिए थे।


यह पाउडर गर्म पानी में मिलाकर बच्चों को पिलाया जाता है। इसी तरह चुनावी आचार संहिता से ठीक पहले स्कूली विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के साथ नोटबुक भी दी गई थी। इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के नाम भी छपे हैं। यह नोटबुक पूरे शिक्षा सत्र के दौरान विद्यार्थी की जरूरत के अनुसार स्कूलों को दी हुई है। संस्था प्रधानों की दिक्कत यह है कि यह नोट बुक जहां मार्च के बाद ही बच्चों की नजरों के आगे से हट पाएगी, वहीं दूध के पैकेटों का भी वही हाल है।


चुनाव के दौरान ढकने पड़े थे कार्टन


शिक्षा सत्र 2023-24 को देखते हुए स्कूलों में 31 मार्च तक के लिए दूध पाउडर के कार्टन भेज दिए गए थे। इस समय सभी स्कूलों में पाउडर के कार्टन पड़े हैं।


सभी पर अशोक गहलोत के फोटो छपे हुए हैं। चुनाव के दौरान निर्वाचन विभाग ने सभी कार्टन स्कूलों में कपड़े से ढकवा दिए थे, ताकि सीएम का फोटो नहीं दिखे। अब आचार संहिता हटने के बाद फिर से कपड़ा हट गया है। अभी तक शिक्षा विभाग ने इन दूध पाउडर के पैकेट को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है।


भाजपा ने ताजा दूध और कांग्रेस ने दिया पाउडर


विद्यार्थियों को दूध पिलाने की योजना भाजपा सरकार के समय से चल रही है। पहले इसका नाम मुख्यमंत्री निशुल्क दूध योजना था और बच्चों को ताजा दूध गर्म कर पिलाया जाता था।


कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में पुरानी योजना को बंद कर नई मुख्यमंत्री बाल-गोपाल योजना को लॉन्च किया। इसमें दूध की जगह दूध पाउडर के पैकेट दे दिए। अब वापस भाजपा सरकार बनने से पुरानी योजना को पुन: शुरू किया जा सकता है।


दिशा-निर्देश के बाद करेंगे फैसला


अभी तक स्कूलों में दूध के पाउडर के कार्टन पड़े हैं। यह अप्रेल तक का स्टॉक है। इन पैकेट का क्या करना है। इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। आचार संहिता में इन कार्टनपर सफेद पेपर चस्पा कर दियागया था।


सुरेन्द्रसिंह भाटी,जिला शिक्षा अधिकारी

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