डस्टर व ब्लैक बोर्ड का जमाना गुजरा, अब चित्तौड़गढ़ के सरकारी विद्यालय हुए स्मार्ट
डिजिटल बोर्ड, स्मार्ट टीवी से पढ़ाई कर रहे बच्चे
चित्तौड़गढ़. एक जमाना था जब सरकारी स्कूलों में हाथ में चाक एवं डस्टर थामे शिक्षक ब्लैक बोर्ड पर लिखकर विद्यार्थियों को समझा कर पढ़ाया करते थे। चाक से उड़ती धूल पंखे की हवा के साथ पूरे कमरे में उड़ती रहती थी, लेकिन सरकारी स्कूलों में डस्टर, ब्लैक बोर्ड के जरिए पढ़ाई अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। चित्तौडग़ढ़ जिले के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर व स्मार्ट टीवी से होने लगी है।
चित्तौडग़ढ़ जिले के 425 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। ये ऐसे स्कूल है, जहां कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक विषय विशेषज्ञों के पद खाली है। विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। कंटेंट के लिए हार्ड डिस्क भी दी गई है। जिसके जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा रही है।
यह भी एक फायदा
स्मार्ट पढ़ाई में एक फायदा यह भी है कि इसमें बच्चों को ऑनलाइन तरीके के साथ ही वीडियो आधारित कंटेंट से भी पढ़ाया जा सकता है। इसमें कई तरह का स्टडी मटेरियल ऑनलाइन रहता है। जिसे ओपन कर छात्र पढ़ सकते हैं। स्मार्ट तरीके से पढ़ाई में एक तरफ वीडियो दिखाने की सुविधा होती है। छात्र-छात्रों को ऑडियो और वीडियो के माध्यम से समझाया जा रहा है।
इनका यह कहना
चित्तौड़ जिले के सरकारी स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। स्कूलों में डिजिटल बोर्ड, स्मार्ट टीवी लगाई जा रही है। जिले के 425 स्कूलों में डिजिटल बोर्ड व 44 स्मार्ट टीवी लगी हुई है, जो सरकार व सीएसआर फंड से लगाई गई। जहां विषय अध्यापक नहीं हैं, वहां भी विद्यार्थियों को पढ़ाई में फायदा मिल रहा है।
प्रमोद कुमार दशोरा, एडीपीसी, समसा चित्तौड़गढ़
फैक्ट फाइल
जिले में कुल विद्यालय 476
स्मार्ट बोर्ड वाले विद्यालय: 425
स्मार्ट टीवी: 44
समझाने का आसान तरीका
डिजिटल बोर्ड की कक्षा में बड़ी एलसीडी स्क्रीन या प्रोजेक्टर के साथ ही, स्मार्ट बोर्ड सामान्य कक्षा नहीं बल्कि आधुनिकता का अहसास कराती है। स्मार्ट क्लास में भूगोल विषय के मानचित्र समझना हो या फिर भारतीय इतिहास को जनाना हो सभी चित्र और वीडियो के जरिए बताया जा रहा है। जिससे समझना और समझाना आसान हो जाता है।
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