Old Pension: देश में पुरानी पेंशन की मांग पर पहले उपवास, फिर होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल, थमेगी कलम और रेल
केंद्र और राज्य सरकार के विभागों, संगठनों एवं प्रतिष्ठानों के सामने आठ जनवरी से 11 जनवरी तक 'रिले हंगर फास्ट' होगा। विभिन्न कर्मचारी संगठन, भूखे रह कर सरकार से 'पुरानी पेंशन बहाली' की मांग करेंगे। शुक्रवार को नई दिल्ली के स्टेट एंट्री रोड स्थित एआईआरएफ कैंपस की जेपी चौबे मेमोरियल लाइब्रेरी में आयोजित जेएफआरओपीएस की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
जेएफआरओपीएस के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए जल्द ही कोई तिथि निर्धारित करने पर सहमति हुई है। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए), की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, स्ट्राइक नोटिस और अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि तय होने के बाद सरकार को अवगत कराया जाएगा। इस संबंध में कैबिनेट सेक्रेटरी को जेएफआरओपीएस के निर्णयों की जानकारी देने के लिए पत्र जारी होगा।
देश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र एवं राज्यों के सरकार कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इस मांग को लेकर दिल्ली और दूसरे प्रदेशों में कई रैलियां हो चुकी हैं। कर्मचारी संगठनों की एक ही मांग है, गारंटीकृत पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली। केंद्र सरकार ने इस बाबत एक कमेटी का गठन किया है। हालांकि उसमें ओपीएस का कहीं भी जिक्र नहीं है। कमेटी, केवल एनपीएस में सुधार को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। यह मामला अब संसद में भी उठ रहा है। लोकसभा सदस्य नव कुमार सरनीया, दीपक बैज और कृपाल बालाजी तुमाने द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया, ओपीएस बहाली के लिए सरकार के विचाराधीन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही एनपीएस के तहत पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में कर्मियों का जमा पैसा, राज्य सरकारों को नहीं दिया जा सकता।
हड़ताल के पक्ष में हैं रेलवे और रक्षा विभाग के कर्मी ...
'पुरानी पेंशन बहाली' की लड़ाई अब अंतिम दौर की तरफ बढ़ रही है। अगर सरकार, कर्मचारियों की इस मांग को नहीं मानती है, तो उस स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल हो सकती है। कितने कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हैं, यह पता लगाने के लिए केंद्र सरकार में दो बड़े विभाग, रेलवे और रक्षा विभाग (सिविल) में स्ट्राइक बैलेट यानी मतदान कराया गया था। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद 'जेसीएम' के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा था, रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं। शुक्रवार को ज्वाइंट फोरम की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए निर्धारित तिथि की घोषणा करने पर सहमति बन गई है। पहले चरण में सरकारी कर्मचारी, भूखे रहकर केंद्र सरकार को चेताएंगे। उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि घोषित की जाएगी।
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