राजस्थान में गुंडे-माफिया पर UP वाला ऐक्शन? CM पद के दावेदार बालकनाथ ने क्राइम कंट्रोल पर बताया इरादा
Who is Mahant Balaknath : राजस्थान विधानसभा चुनाव में मैदान में तिजारा विधानसभा सीट से जीते भाजपा नेता महंत बालकनाथ का नाम अब अगले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। अब राजस्थान में जीत के बाद भाजपा की नई सरकार का गठन होगा और यहां मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। 40 वर्षीय बाबा बालकनाथ अलवर से लोकसभा सांसद हैं। भाजपा ने राजस्थान में 199 में से 115 सीटें जीतकर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है।
संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को दिल्ली आए बाबा बालकनाथ ने इस दौरान मीडिया से बातचीत की और उनके कई सवालों के साफ और स्पष्ट जवाब भी दिए। बाबा बालकनाथ ने भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार का पर बोलते हुए कहा कि लोग कांग्रेस से छुटकारा पाना चाहते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार और बढ़ते अपराधों को लेकर राजस्थान कांग्रेस पर निशाना साधा है।
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, जब बाबा बालकनाथ से यह पूछा गया कि क्या राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री आप ही बनेंगे तो इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मेरा विषय नहीं है। मेरा काम चुनाव जीतकर देना था और अब आगे सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य में महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ है। उन्होंने कहा कि देखिएगा कि अब राजस्थान में गैंगस्टर और बदमाश ढूंढे भी नहीं मिलेंगे और जनता के साथ न्याय होगा। वहीं, उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल के हत्यारों को सजा के सवाल पर बाबा बालकनाथ ने कहा कि इस मामले में हम बिल्कुल न्याय तक पहुंचेंगे।
इससे पहले कल एएनआई से बता करते हुए भाजपा सांसद बालकनाथ ने कहा था, "जहां तक सीएम पद की बात है तो हमारे प्रधानमंत्री बीजेपी के लिए चेहरा हैं और हम उनके नेतृत्व में काम करना जारी रखेंगे। सीएम कौन होगा इसका फैसला भी पार्टी करेगी। मैं एक नेता के तौर पर खुश हूं। सांसद और समाज की सेवा करना चाहते हैं और मैं इससे बहुत संतुष्ट हूं।''
नाथ समुदाय से आते हैं बाबा बालकनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और अलवर में उनका जबर्दस्त समर्थन और अनुयायी हैं। उन्होंने अपने बचपन के दिनों में 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके परिवार के सदस्यों ने यह निर्णय लिया था कि वह एक संत बनेंगे। बालकनाथ का तर्क है कि वह हमेशा समाज की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि माध्यम कोई भी हो, समाज की सेवा की जानी चाहिए और मैं यही कर रहा हूं।
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