आधे घंटे में रचा जाएगा इतिहास, स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार आज
बीकानेर राजस्थान का शिक्षा विभाग एक बार फिर विश्व रिकार्ड बनाने के लिए तैयार हो गया है। भाजपा सरकार के गठन के बाद स्कूलों में पहली बार विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए गुरुवार को एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा। इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस कार्यक्रम के लिए किसी भी स्कूल में लापरवाही बरती गई, तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के दोनों शिक्षकों ने आदेश जारी किए हैं। सूर्य नमस्कार सुबह 10 बजे से 10.30 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
सूर्य नमस्कार के आयोजन के संबंध में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार सूर्य नमस्कार का अभ्यास प्रार्थना सभा के दौरान कराया जाएगा। साथ ही सह-शिक्षा के विद्यालयों में बालक एवं बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक अभ्यास की व्यवस्था की जाएगी। अभ्यास की आकृति संख्या के संबंध में विद्यार्थियों की आयु एवं स्वास्थ्य की स्थिति का ध्यान रखा जाएगा।
विद्यार्थियों के अलावा स्टाफ, ग्रामीणों एवं अभिभावकों तथा एसडीएमसी सदस्यों को भी सूर्य नमस्कार कराना होगा। सूर्य नमस्कार में छात्राएं सलवार सूट, ट्रैक सूट एवं छात्र पैन्ट-शर्ट तथा ट्रैक सूट में शामिल होंगे। शारीरिक रूप से अस्वस्थ विद्यार्थियों को चिकित्सकीय परामर्श के उपरान्त ही कार्यक्रम में भाग लेने का परामर्श दिया गया है। सामूहिक सूर्य नमस्कार के दौरान एक से 12 तक स्थितियों एवं मुद्राओं का प्रयोग किया जाएगा। सूर्य नमस्कार के लिए बुधवार को सभी स्कूलों में पूर्वाभ्यास किया गया।
1.8 करोड़ से भी ज्यादा बच्चे हैं स्कूलों में
सरकारी स्कूलों में करीब 90 लाख, जबकि गैर सरकारी स्कूलों में भी इतने ही विद्यार्थी हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में 4.5 लाख, गैर सरकारी में 3 लाख शिक्षक- कार्मिक हैं। इस तरह ये आंकड़ा करीब 1.80 करोड़ के आसपास पहुंचता है।
मुस्लिम बच्चों के शामिल होने पर असमंजस
सूर्य नमस्कार को लेकर कुछ मुस्लिम संस्थाएं हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। एक मुस्लिम संगठन ने अपने समुदाय के बच्चों को सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के दिन स्कूल जाने से ही मना कर दिया है। इससे मुस्लिम समुदाय के बच्चों की उपस्थिति को लेकर असमंजस हो गया है। मोटे तौर पर एक अनुमान के अनुसार करीब 30 लाख बच्चे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं भी हों, तो भी विश्वरिकार्ड में कोई दिक्कत नही आएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि 1.5 करोड़ लोगों का एक ही दिन एक ही समय सूर्य नमस्कार करने का पहले आयोजन सामने नहीं आया है।
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