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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

अब नो डेपुटेशन; थर्ड ग्रेड में ट्रांसफर बैन थे, चहेते शिक्षकों को शहर लाने को डेपुटेशन की आड़ ली, बाड़मेर-जैसलमेर वाले जोधपुर लगाए, अब वापस जाएंगे



अब नो डेपुटेशन; थर्ड ग्रेड में ट्रांसफर बैन थे, चहेते शिक्षकों को शहर लाने को डेपुटेशन की आड़ ली, बाड़मेर-जैसलमेर वाले जोधपुर लगाए, अब वापस जाएंगे

शिक्षा विभाग में अब डेपुटेशन के बहाने ट्रांसफर का खेल बंद होगा। पूर्ववर्ती काग्रेस सरकार में शिक्षा विभाग में कहने को तो तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ था, लेकिन चहेतों और सिफारिशियों के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सारी सीमाएं लांघ दी। जिन इलाकों पर लोग नौकरियां करने से कतराते हैं, उन्हीं बाड़मेर-जैसलमेर जिलों सहित संभाग के जिलों से संयुक्त निदेशक कार्यालय से 137 शिक्षक-वरिष्ठ अध्यापकों सहित को जोधपुर शहर राहत देने के लिए लाया गया। जिन शिक्षकों को विभाग ने दूसरे जिलों से गांव लगाया, आरोप लगाया जा रहा है कि इन शिक्षकों का गांव भी यहीं था। ये सारे तबादले संयुक्त निदेशक स्तर पर हुए। उस वक्त संयुक्त निदेशक भी दो का सेवानिवृति के पश्चात पे माइनस आधार पर लगे पुनर्नियुक्त प्रेमचंद सांखला थे।  


ये लिस्ट सोशल मीडिया पर शिक्षकों के सामने वायरल हुई तो सभी हैरान रह गए। किसी को सम्हा नहीं आया कि ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि संभाग स्तर के अधिकारी को दूसरे जिलों के शिक्षक जोधपुर की स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर लगाने पड़े। वड़यों के ब्लॉक तक प्रतिनियुक्तियों में बदल दिए गए। शिक्षा विभाग ने वर्तमान में प्रतिनियुक्ति निरस्त में कई शिक्षकों के कब लगे होने का उल्लेख किया, लेकिन कब तक लगे रहे, इस उल्लेख को हटा दिया, जो भी एक प्रकार की कारस्ताती ही हैं। इससे साफ जाहिर है कि ऐसे शिक्षकों को लाभ देने के लिए डेपुटेशन पर लगाया हुआ था। अब नई सरकार आते हो डेपुटेशन निरस्त किए जा रहे हैं


शिक्षा विभाग की वायरल सूची में 137 शिक्षकों के नाम हैं। हैरत की बात

ये हैं कि कई शिक्षकों को बाड़मेर के गालों से शहर की स्कूलों में लगाया गया। जिनमें एक अध्यापक लेवल-2 शिक्षिका को सिवाना बाड़मेर की स्कूल से वौपासनी हाउसिंग बोर्ड जोधपुर की स्कूल में लगाया गया। किसी शिक्षक को बालोतरा से रातानाडा की स्कूल में लगाया गया। पोकरण जैसलमेर की स्कूल से शक्तिनगर जोधपुर की स्कूल में लगाया गया। जबकि कई बार आदेश आए कि डेपुटेशन में शिक्षकों का शिक्षण व्यवस्थार्थ, कार्य व्यवस्थार्थ ब्लॉक नहीं बदला जाए ।


शिक्षक नेताओं ने की जांच की मांग

शिक्षाधिकारियों के इस बरें से शिक्षकों में जोरदार रोष पैदा हो गया है। शिक्षक नेता सुभाष विश्नोई ने कहा कि शिक्षा मंत्री पदभार ग्रहण करते ही छात्रहित प्रतिनियुक्तियां निरस्त करने का आदेश दिया था, अधिकारियों को इसकी अक्षरशः पालना करनी चाहिए। शिक्षक नेता जसवंत सिंह भाटी व इंद्रविक्रमसिंह चौहान ने कहा कि इस तरह के डेपुटेशन से निश्चित रूप से बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है। पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।


जो भी प्रतिनियुक्तियां की गई वे सब उच्चाधिकारियों के निर्देश पर

मेरे पद पर रहने के दौरान जो भी प्रतिनियुक्तियां हुई, वे भी उच्चाधिकारियों के निर्देशों की पालना में हुई थी। -प्रेमचंद सांखला, पूर्व संयुक्त निदेशक कृतिया


राज्य सरकार के निर्देशों पर तमाम प्रतिनियुक्तियां निरस्त की गई हैं

राज्य सरकार के आदेश पर तमाम तरह की प्रतिनियुक्तियां अब निरस्त है। जो गलतियां पहले हुई, उसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। राज्य सरकार विद्यार्थियों के हित को लेकर चिंतित है। तमाम डेपुटेशन सख्ती से समाप्त है।-ब्रह्मानंद महर्षि, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, जोधपुर संभाग

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