राजनीतिक साये में खुलेंगे नए सरकारी स्कूल, कॉलेज व अस्पताल वित्त विभाग के शासन सचिव ने मांगे कलक्टर से प्रस्ताव
सीकर. प्रदेश में नए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल व प्रशासनिक कार्यालयों की स्थापना व क्रमोन्नति राजनीतिक साये में होगी। विधायकों व जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर ही शहरी व ग्रामीण इलाकों में इनकी क्रमोन्नति व स्थापना होगी। इस संबंध में वित्त विभाग के शासन सचिव नरेशकुमार ठकराल ने लेखानुदान में घोषित नए भवन व कार्यालयों के प्रस्ताव मांगने के साथ सभी कलक्टर को साफ दिशा निर्देश दिए हैं। खास बात ये भी है कि प्रस्तावों का अनुमोदन भी अब कलक्टर करेंगे।
जिला अधिकारी के प्रस्तावों की होगी जांच
नए शिक्षा व चिकित्सा केंद्रों व प्रशासनिक कार्यालय के प्रस्ताव संबंधित विभाग अब अकेले तैयार नहीं कर सकेंगे। शासन सचिव के अनुसार इन केंद्रों व कार्यालयों को स्थापित या क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला अधिकारी कलक्टर के तत्वावधान में तैयार करेंगे। प्रस्ताव तैयार होने के बाद कलक्टर जांच कर उनका अनुमोदन करेंगे। इसके बाद ही उन्हें उच्च स्तर पर भेजा जाएगा।
जनप्रतिनिधियों की राय होगी अहम
कलक्टर को जारी दिशा निर्देश में शासन सचिव ने प्रस्ताव में जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने के साफ निर्देश दिए हैं। पत्र में लिखा है कि विधायक और जनप्रतिनिधियों से इनपुट प्राप्त कर प्रस्ताव प्राथमिकता नुसार तैयार किए जाएं। हर विधानसभा के लिए अधिकतम तीन करोड़ रुपए तक के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।
इनका कहना है
शिक्षा व चिकित्सा जैसे केंद्रों में जनप्रतिनिधियों की भूमिका वोट की राजनीति से प्रभावित होगी। सरकार को बिना किसी राजनीतिकरण के समानता व जरुरत के हिसाब से नए केंद्र व कार्यालय खोलने चाहिए।-श्रवण सिंह थालौड़, जिलाध्यक्ष, कर्मचारी संयुक्त महासंघ
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