समायोजन प्रक्रिया 2024: उत्तर प्रदेश में कनिष्ठ शिक्षकों का समायोजन योजना और नई समय सारणी
उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के तहत कनिष्ठ शिक्षकों के समायोजन की नई प्रक्रिया और समय सारणी जारी कर दी गई है। यह समायोजन 30 जून 2024 की छात्र संख्या के आधार पर किया जाएगा, जिससे शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके।
मुख्य बिंदु:
समायोजन का आधार: समायोजन की प्रक्रिया 30 जून 2024 की छात्र संख्या के अनुसार की जाएगी। इसके तहत, अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षिका की जनपद में नियुक्ति तिथि के आधार पर कनिष्ठ शिक्षक और शिक्षिका को क्रमवार चिन्हित किया जाएगा।
मानक और क्रम: निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों के आधार पर समायोजन किया जाएगा। यदि जनपद में सेवावधि समान होती है, तो मौलिक नियुक्ति के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। यदि मौलिक नियुक्ति भी समान होती है, तो जन्मतिथि और जन्मतिथि भी समान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर अवरोही क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा।
सरकारी एफिडेविट: सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल किए गए एफिडेविट की एक कॉपी इस प्रक्रिया की आधिकारिक जानकारी के रूप में उपयोग की जा रही है।
समायोजन प्रक्रिया की नई समय सारणी:
समायोजन की तिथियाँ: नवीन प्रस्तावित समय सारणी के अनुसार समायोजन प्रक्रिया के विभिन्न चरण 13 अगस्त से 11 सितंबर 2024 तक पूरे किए जाएंगे। इसके बाद, अवकाश दिवसों में कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण की प्रक्रिया होगी।
विकल्प और सूची जारी: NIC लखनऊ द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से आवश्यकता से अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों में चिन्हित अध्यापकों से प्राप्त विकल्प के आधार पर समायोजन की सूची जारी की जाएगी। जिन अध्यापकों ने विकल्प नहीं दिया या जिन्हें 25 विकल्पों में स्कूल नहीं मिला, उनके लिए विशेष प्रावधान होंगे (8 से 10 सितंबर 2024 तक)।
अवशेष शिक्षकों की सूची: शेष बचे सरप्लस शिक्षकों को सेवावधि के आधार पर आरोही क्रम में और आवश्यकतानुसार विद्यालयों को छात्र संख्या के आधार पर सूचीबद्ध किया जाएगा। छात्र संख्या समान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर अवरोही क्रम में समायोजन होगा।
विशेष नोट: जिन प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम 2 पूर्णकालिक शिक्षक नियुक्त हैं, वहाँ से किसी का समायोजन नहीं होगा, भले ही छात्र संख्या 60 या उससे कम हो। यह नई समायोजन प्रक्रिया और समय सारणी शिक्षकों और स्कूलों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रही है, जो शिक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है।- निर्भय सिंह
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