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शुक्रवार, 2 अगस्त 2024

गोंडा: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल, बच्चों की शिक्षा प्रभावित


 गोंडा: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल, बच्चों की शिक्षा प्रभावित

गोंडा के बेसिक शिक्षा विभाग के तहत नगरीय क्षेत्र में संचालित स्कूलों में शिक्षकों की कमी गंभीर समस्या बन गई है। शिक्षकों के अभाव में इन स्कूलों का संचालन शिक्षामित्रों के भरोसे हो रहा है। नगर पालिका गोंडा और नवाबगंज के कई स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती न होने के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

प्राथमिक विद्यालय राधाकुंड: शिक्षामित्र के भरोसे

शहर के बीचों-बीच स्थित प्राथमिक विद्यालय राधाकुंड में एक भी शिक्षक की तैनाती नहीं है। यहां एकमात्र शिक्षामित्र मोनिका गुप्ता बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ मध्यान्ह भोजन और विद्यालय की सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करती हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक कुल 100 बच्चों का नामांकन है, जिन्हें पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है।


प्राथमिक विद्यालय पीएसी: शिक्षामित्र की जिम्मेदारी

पीएसी लाइन के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय पीएसी भी शिक्षक विहीन है। यहां भी शिक्षामित्र अनीता देवी अकेले ही 47 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।


प्राथमिक विद्यालय रानीजोत: बच्चों की संख्या कम

नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रानीजोत का भी यही हाल है। यहां शिक्षामित्र सारिका गुप्ता अकेले ही स्कूल का संचालन कर रही हैं। बच्चों की संख्या कम होने का कारण शिक्षक न होने से नामांकन भी नहीं हो पा रहा है। स्कूल में केवल 22 बच्चे पंजीकृत हैं।


प्राथमिक विद्यालय पड़ाव: बड़ी संख्या में बच्चों की पढ़ाई मुश्किल

नवाबगंज नगर पालिका क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पड़ाव में शिक्षामित्र साधना मिश्रा अकेले ही 140 बच्चों को पढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। साधना मिश्रा ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को अकेले पढ़ाना बेहद कठिन है, फिर भी वह किसी तरह मैनेज कर पढ़ा रही हैं।


प्राथमिक विद्यालय कन्या संचरही: शिक्षामित्र का संघर्ष

नवाबगंज नगर पालिका क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कन्या संचरही में भी शिक्षक नहीं है। यहां शिक्षामित्र नीतू सिंह अकेले 74 बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रही हैं। नगर क्षेत्र का विद्यालय होने के कारण बच्चों की उपस्थिति बराबर रहती है, जिससे नीतू सिंह को सभी बच्चों को पढ़ाने में कठिनाई हो रही है।


बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी ने बताया कि नगरीय क्षेत्र का कैडर अलग होने के कारण शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा सकती। जो शिक्षक यहां कार्यरत थे, वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जो पहले से तैनात हैं, उनसे ही काम चलाया जा रहा है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ शिक्षामित्र ही तैनात हैं।


शिक्षकों की कमी से जूझते इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा न आए और उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

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