विदेश में पढ़ने वाले 80 प्रतिशत युवा राजस्थान में आकर हो रहे अनुत्तीर्ण
झुंझुनूं. चीन, रसिया, युक्रेन सहित विदेश में एमबीबीएस करने वाले अधिकांश भारतीय छात्र -छात्रा राजस्थान में आकर परीक्षा में फेल हो रहे हैं। देश में आकर राष्ट्रीय या राज्य चिकित्सा परिषद में अस्थायी और स्थायी पंजीकरण से पहले होने वाले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जामिनेशन (एफएमजीई) को वे क्वालिफाई नहीं कर पा रहे हैं। पिछले तीन सालों में एफएमजीई देने वाले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स की संया 40 हजार से बढ़कर 60 हजार हो गई है। इसके मुकाबले इस परीक्षा को क्वालिफाई करने की सफलता दर 24 प्रतिशत से गिरकर 16 प्रतिशत ही रह गई है।
यानी करीब 80 फीसदी स्टूडेंट्स एफएमजीई क्लीयर नहीं कर पाते। ऐसे में वे देश में आकर डॉक्टरी पेशा शुरू नहीं कर पा रहे हैं। एजुकेशन एक्सपर्ट का कहना है कि हजारों की संया में भारतीय विद्यार्थी रूस, युक्रेन ,चीन, आर्मेनिया तथा जॉर्जिया जैसे देशों से एमबीबीएस पाठ्य₹म पूर्ण कर स्वदेश लौटते हैं। ऐसे मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) की ओर से फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) का आयोजन किया जाता है। इसे क्वालीफाई करने के बाद इन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय/राज्य चिकित्सा परिषद में अस्थायी/स्थायी पंजीकरण के लिए पात्र घोषित कर दिया जाता है। यह पंजीकरण देश में चिकित्सा सेवा प्रारंभ करने से पूर्व अनिवार्य है।
पिछले साल 16% ही हुए क्वालिफाई
वर्ष 2023 में विदेश से एमबीबीएस करने वाले 60 हजार से अधिक विद्यार्थी एफएमजीई में समिलित हुए। इनमें से करीब 10 हजार विद्यार्थियों ने ही क्वालीफाई किया। क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थी महज 16% थे।
एफएमजीई 12 जनवरी को, ऑनलाइन आवेदन शुरू
फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जामिनेशन (एफएमजीई दिसंबर-2024) का आयोजन 12 जनवरी 2025 को किया जाएगा। इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 28 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से प्रारंभ हो गए हैं। ऑनलाइन आवेदन की यह प्र₹िया आगामी 18 नवंबर तक जारी रहेगी। परीक्षा परिणाम 12 फरवरी को जारी कर दिया जाएगा।
वर्ष समिलित विद्यार्थी पात्र घोषित सफलता%
2021 ,40740 ,9996 ,24.53%
2022 52030, 12148 23.35%
2023,61216, 10261 ,16.67%
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