योजनाएं कागजों तक सीमित, छात्रों को नहीं मिल रही वर्दी और छात्रवृत्ति
बीकानेर. करीब पांच लाख कार्मिक और 80 लाख विद्यार्थियों वाला शिक्षा विभाग योजनाओं की डिलीवरी में फिसड्डी साबित हो रहा है। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की जरूरतों के हिसाब से संचालित योजनाओं के तहत पुस्तकें, यूनिफॉर्म से लेकर साइकिल और दूध उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं। चालू शिक्षा सत्र 2024-25 को ही देखें, तो सत्र समाप्ति में महज तीन महीने शेष हैं। बोर्ड की परीक्षा हो रही है, परन्तु विद्यार्थियों को अब तक स्कूल यूनिफॉर्म नहीं मिली। आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद गत नवंबर में छात्राओं को साइकिल नसीब हो पाई। कक्षा में बैठने के पहले दिन जिस सामान की जरूरत पड़ती है, वह आधे सत्र या इसके बाद मिलती है। इस बार भी विद्यार्थियों को अगस्त-सितम्बर में पुस्तकों का वितरण हो पाया।
वेलकम किट में मिले तभी लाभ की सार्थकता
शिक्षा हर बच्चे का कानूनी अधिकार है। सरकारी स्कूलों में छात्रवृत्ति एवं प्रोत्साहन योजनाएं संचालित होती हैं। किसी भी वजह से विद्यार्थी शिक्षा से वंचित नहीं रहे, इसके लिए मदद के प्रावधान किए गए हैं। इनमें साइकिल, यूनिफॉर्म, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, पोषाहार शामिल हैं। शिक्षा सत्र शुरू होते ही विद्यार्थी को वेलकम किट के रूप में पुस्तकें, ड्रेस, साइकिल, छात्रवृत्ति आदि मिल जानी चाहिए। -ओम प्रकाश सारस्वत, पूर्व संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान
शिक्षा सत्र 2024-25: योजनाएं और उनकी प्रगति
- योजना पात्रता चालू सत्र की प्रगति-हश्र
- नि:शुल्क ड्रेस आठवीं तक के विद्यार्थी जुलाई 2024 में मिलनी थी, अब तक नहीं
- नि:शुल्क साइकिल 9वीं कक्षा की सभी छात्राएं जुलाई 2024 की जगह नवम्बर में मिलीं
- टैबलेट योजना कक्षा 8,10, 12 के मेधावी विद्यार्थी जुलाई 2024 में मिलने थे, अब तक नहीं मिले
- पुस्तकें वितरण सभी विद्यार्थियों को मई में सत्र शुरू पढ़ने को मिली अगस्त में
- छात्रवृत्ति योजना एससी, एसटी, दिव्यांग, सीडब्ल्यूएस जुलाई 2024 में शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद
- दूध वितरण कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थी जुलाई की जगह नवम्बर में उपलब्ध कराया
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