महात्मा गांधी विद्यालयों के प्रवेश को लेकर गाइडलाइन का इंतजार, अभिभावकों की बढ़ी मुश्किलें
टोंक/नटवाड़ा. राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में डिजिटल प्रवेशोत्सव की गाइडलाइन जारी कर प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है। निजी स्कूलों में भी अप्रेल से आगामी सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। लेकिन अभी तक प्रदेश में संचालित 3 हजार 737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इससे इन स्कूलों में अगले वर्ष के लिए प्रवेश होंगे या नहीं, इस पर असमंजस के हालात बने हुए है।
टोंक जिले में 64 राजकीय महात्मा गांधी स्कूल वर्तमान में संचालित है। गौरतलब है कि कमजोर, वंचित एवं कम आई वर्गों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की बेहतर शिक्षा इन विद्यालयों के माध्यम से देने के लिए पूर्व सरकार की योजना पर छाए संचय के बादल अभी छंटे नहीं है। भाजपा की सरकार बनने के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से इन स्कूलों की समीक्षा कराने की घोषणा के बाद से ही इन स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावकों में असमंजस के हालात पैदा हो गए थे। वहीं अगले सत्र में इन स्कूलों में प्रवेश के लिए अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं होने से अब असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी चौथमल चौधरी ने बताया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। गाइडलाइन जारी होते ही सबको बता दिया जाएगा। जिले में 64 महात्मा गांधी स्कूल वर्तमान में संचालित है।
प्रतिदिन ले रहे हैं जानकारी
अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाने के इच्छुक अभिभावक बेसब्री से इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं। प्रतिदिन विद्यालयों में जाकर प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी ले रहे हैं। राजस्थान प्रगतिशील शिक्षक संघ के ब्लॉग अध्यक्ष राजराम जाट ने बताया कि सरकारी स्कूलों में डिजिटल प्रवेशोत्सव की गाइडलाइन जारी कर प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निजी स्कूलों में भी 1 अप्रेल से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इससे इन स्कूलों में अगले सत्र से प्रवेश होंगे या नहीं, इस पर असमंजस के हालात है। सरकार को महात्मा गांधी स्कूलों के लिए भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि अभिभावकों को कोई भी परेशानी नहीं हो। समय पर टाइम फ्रेम जारी करने से गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश मिल सकेगा।
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